ये मेरा चौथी कक्षा के साथ तीसरा साल है | अपने बातों को एक दूसरे से कहने के लिए हमने पत्र लिखने या ब्लैक्बोर्ड पे लिखने का माध्यम चुना |

वो पत्र के माध्यम से अपनी खुशी तो जाहिर करते ही है | लेकिन अभी 2 महीने पहले की बात है, मैं पढ़ाने के लिए कक्षा में गई, जैसे ही अंदर पहुँची प्रियंका ने झट से बोला कि आपने हमारा फोटो whatsapp में भेज दिया ना | मैं सोचने लगी कि किस फोटो के बारे में बात कर रही है| तभी मैंने उनको समझाते हुए बोला कि मैं वही फोटो भेजती हूँ जो हम कक्षा में काम करते हैं |
फिर प्रियंका ने नाराजगी दिखाते हुए कहा कि “वही जो हम लोगों का खिड़की से बाहर निकलने वाला का विडिओ कर रही थी | ” उसके लिए मैंने कल शाम को अधिक्षिका मैडम और रूम वाली मैडम से डाँट सुनी |” फिर हर बच्ची मिलकर मुझे समझाने की कोशिश करने लगी की अब हम क्लास मे मस्ती नहीं करेंगे | लेकिन मैं उनकी बातें समझना नहीं चाह रही थी | ये सब बातें चल ही रही थी की तीन लड़कियों ने मिलकर मुझे एक पन्ना दिया | जिसमे उन्होंने बड़ी समझदारी से अपनी बातें लिखी थी |
मैंने उस पन्ने मे लिखे बात को तुरंत पढ़ा और कुछ देर के लिए थम गई, थमने के दो कारण थे एक तो उनकी हिन्दी मे लिखे वाक्य (जो की मैं एक हिन्दी के शिक्षिका की नजर से देख पा रही थी ) दूसरा यह की कक्षा के अंदर होने वाली बातें और मेरी काम की असफलताओं की समझ, जो मेरे विद्यार्थियों ने मुझे जताया |